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ये दाग जो लहू के, आँचल पर पड़े थे… इस ढेर में बेजान

ये दाग जो लहू के, आँचल पर पड़े थे… इस ढेर में बेजान से, अरमान पड़े थे… वो हूबहू इंसान से, पर इंसान ना थे… वासना की कामना धर, हैवान खड़े थे…
ये दाग जो लहू के, आँचल पर पड़े थे… इस ढेर में बेजान से, अरमान पड़े थे… वो हूबहू इंसान से, पर इंसान ना थे… वासना की कामना धर, हैवान खड़े थे…
roshnibano4076

Roshni Bano

Bronze Star
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