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जब तलक हैं साँसों में सांसें तब तलक मैं माँ भारती

जब तलक हैं साँसों में सांसें तब तलक 
मैं माँ भारती की सेवा करता रहूंगा 

आज़ाद था आज़ाद हूँ मैं आज़ाद ही रहूँगा Celebrating Birth Anniversary of Azaad चिंगारी  आज़ादी  की  सुलगी  मेरे  ज़हन  में  है,

इन्क़लाब  की  ज्वालायें  लिपटी  मेरे  बदन  में  हैं,

मौत  जहाँ  जन्नत  हो  वो  बात  मेरे  वतन  में  है,

क़ुर्बानी  का  जज़्बा  ज़िंदा  मेरे  कफ़न  में  है ||
जब तलक हैं साँसों में सांसें तब तलक 
मैं माँ भारती की सेवा करता रहूंगा 

आज़ाद था आज़ाद हूँ मैं आज़ाद ही रहूँगा Celebrating Birth Anniversary of Azaad चिंगारी  आज़ादी  की  सुलगी  मेरे  ज़हन  में  है,

इन्क़लाब  की  ज्वालायें  लिपटी  मेरे  बदन  में  हैं,

मौत  जहाँ  जन्नत  हो  वो  बात  मेरे  वतन  में  है,

क़ुर्बानी  का  जज़्बा  ज़िंदा  मेरे  कफ़न  में  है ||

Celebrating Birth Anniversary of Azaad चिंगारी  आज़ादी  की  सुलगी  मेरे  ज़हन  में  है, इन्क़लाब  की  ज्वालायें  लिपटी  मेरे  बदन  में  हैं, मौत  जहाँ  जन्नत  हो  वो  बात  मेरे  वतन  में  है, क़ुर्बानी  का  जज़्बा  ज़िंदा  मेरे  कफ़न  में  है || #nojotohindi #themodernpoets #martyr #mohit #azaad #chandrashekhar