साँझ इधर है साँझ ज़मीं आसमां मिलाए हुए.. उधर मैं याद को तेरी गले लगाए हुए.. हुई जो रात तो कपड़े बदल कर आ बैठे, तमाम दिन के उजाले थके थकाए हुए.. © मदन मोहन दानिश #साँझ इधर है साँझ ज़मीं आसमां मिलाए हुए.. उधर मैं याद को तेरी गले लगाए हुए.. हुई जो रात तो कपड़े बदल कर आ बैठे, तमाम दिन के उजाले थके थकाए हुए.. © मदन मोहन दानिश