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अबतो अरसे हुए अपनी सरहदों से गुजरे हुए जिंदा हू

अबतो अरसे हुए 
अपनी सरहदों से गुजरे हुए 
 जिंदा हूं पर बेखबर हूं 
  हवाओं के रुख से 
कितने हम तन्हा हुए 
अपनों के इल्जाम से 
 हम भी अब रुके हुए 
अपनों के पक्षपात से

©Rakhi Om
  #Dard
rakhigupta3359

Rakhi Om

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#Dard #Poetry

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