मानवता की अमिट मनुज धरा पर, सर्वधर्म, सर्वसंस्कृति, समभाव मनाये जाते हैं| हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई के कानन में, बस प्रेम-मिलन के पर्व मनाये जाते हैं| ✍️✍️✍️डॉ गरिमा त्यागी