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मैं जो भी चाहता था जी, कभी भी वो नही पाया मेरी आँख

मैं जो भी चाहता था जी, कभी भी वो नही पाया
मेरी आँखों में आंसू थे, मगर मैं रो नहीं पाया
वो कह कर यह गया, रातों को सपने मे मैं आऊँगा
मगर मैं सो नही पाया, वो मेरा हो नही पाया
by.baghel.
मैं जो भी चाहता था जी, कभी भी वो नही पाया
मेरी आँखों में आंसू थे, मगर मैं रो नहीं पाया
वो कह कर यह गया, रातों को सपने मे मैं आऊँगा
मगर मैं सो नही पाया, वो मेरा हो नही पाया
by.baghel.