सब्र हर बार अख्तियार किया , हम से होता नहीं , हजार किया आदतन तुमने कर दिए वादे , आदतन हमने ऐतबार किया हमने अक्सर तुम्हारी राहों में , रुकके अपना ही इन्तेजार किया फिर ना माँगेंगे ये ज़िन्दगी या रब , ये गुनाह हमने इक बार किया ©गुलज़ार #Gulzar #poet #poetry #shayri #shayar #poem #thoughts #quotes #nojotohindi #nojoto #nojotonews #nojoto