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बरसात की सुरुआत की पहली फुहार हो सर्दियों की धूप

बरसात की सुरुआत की पहली फुहार हो 
सर्दियों की धूप का सुनहरा निखार हो 
स्वेत यूनिकॉर्न पर परी तुम सवार हो 
मखमली मोहहब्बतो का खुशनुमा इकरार हो 
मनुष्य की तन्हाइयो का आखिरी करार हो 
जो तुम्हें है देखता बस यही है सोचता 
खुशनुमा सी जिंदगी का आखिरी सवाल हो 
प्रलय आ जाये जगत में 
गर अपनी हंसी को तुम होठो से निकल दो 
तुम अँधेरी रात में जलती हुई मसाल हो 
स्वर्ग की अप्सराओं की जागती मिशाल हो 
और 
सुनहरी हंसी के साथ गर  कंही कदम रखो 
तो इस जगत के लोगो की तुम जान ही निकाल दो 

for ADITI TRIPATHI
from :-golden flame{ kunal nayak} #golden #flame #sayri #aditi 
#nayakmaharaj #poetry #rapper
बरसात की सुरुआत की पहली फुहार हो 
सर्दियों की धूप का सुनहरा निखार हो 
स्वेत यूनिकॉर्न पर परी तुम सवार हो 
मखमली मोहहब्बतो का खुशनुमा इकरार हो 
मनुष्य की तन्हाइयो का आखिरी करार हो 
जो तुम्हें है देखता बस यही है सोचता 
खुशनुमा सी जिंदगी का आखिरी सवाल हो 
प्रलय आ जाये जगत में 
गर अपनी हंसी को तुम होठो से निकल दो 
तुम अँधेरी रात में जलती हुई मसाल हो 
स्वर्ग की अप्सराओं की जागती मिशाल हो 
और 
सुनहरी हंसी के साथ गर  कंही कदम रखो 
तो इस जगत के लोगो की तुम जान ही निकाल दो 

for ADITI TRIPATHI
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