हवा ने उनकी ज़ुल्फ़ों को कुछ यूँ छुआ, “हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे; वो भी पल पल हमें आजमाते रहे; जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया; हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।” our attitudes:- Navya sharma "आज़ाद मन"Harshleen Kaur Aaruhi singh ( neha) Rao Divya Yaduvanshi ❣️