वक़्त की मार सह-सह कर रोज-रोज अपने गुनाहों का भार ढो-ढो कर मै एक ज़िन्दा लाश बन चुका हूँ| दूर रहना मुझसे ऐ जिन्दगीं आज दिलो को हँसाने वाला पुराना आशिक नही गला काटने वाला एक खतरनाक हथियार बन चुका हूँ| #waqt #pyar #shayari #love_story