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वक़्त की मार सह-सह कर रोज-रोज अपने गुनाहों का भार

वक़्त की मार सह-सह कर 
रोज-रोज अपने गुनाहों का भार ढो-ढो कर 
मै एक ज़िन्दा लाश बन चुका हूँ|
दूर रहना मुझसे ऐ जिन्दगीं
आज दिलो को हँसाने वाला पुराना आशिक नही 
गला काटने वाला 
एक खतरनाक हथियार बन चुका हूँ| #waqt 
#pyar
#shayari
#love_story
वक़्त की मार सह-सह कर 
रोज-रोज अपने गुनाहों का भार ढो-ढो कर 
मै एक ज़िन्दा लाश बन चुका हूँ|
दूर रहना मुझसे ऐ जिन्दगीं
आज दिलो को हँसाने वाला पुराना आशिक नही 
गला काटने वाला 
एक खतरनाक हथियार बन चुका हूँ| #waqt 
#pyar
#shayari
#love_story