मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया, नज़रों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया, और किसी चीज़ की तमन्ना क्यूँ करू, जब मुझे तेरी बाहों में सहारा मिल गया - #IshqMohbbat