नम कपड़े बरसातों के चल हम आज सुखाएँ यादों के अस्तर को भी चल कुछ धूप दिखाएँ वो ऊँनी कैप पहाड़ों वाली काटे जिसमें जाड़े थे दस्ताने वो नर्म सूत के जिसमें लिखे पहाड़े थे वो स्वेटर उल्टे फंदों वाला रंग जिसका गहरा नीला था वो मफलर कुछ यादों वाला जो कल तक भी गीला था वो कोट पुराना जेब में जिसके ख़त लिख कर के छोड़े थे जूतों जिनके तसमें कस कर पैर इधर तक मोड़े थे वो बरसाती तरस गई जो एक पूरी बरसात को तकिये वो कोरे कागज़ से चौकस थे जो रात को वो छाता जो गुम हो कर भी लौट के घर को आता था शाल पश्म का कला था , लोगों के रंग दिखाता था यादों के अस्तर को भी चल कुछ धूप दिखाएँ नम कपड़े बरसातों के चल हम आज सुखाएँ @ यादों के बाद ©Mo k sh K an #mikyupikyu #Zen #poem #Nojoto #Hindi