Papa ! आपके होने से ये दुनिया खुबसूरत लगतीं है Papa पैरों पर चलना आप सिखाते हो कान्धे पर चढ़ा खूब लाड़ लड़ाते हो, गिर जाये तो आप उठाते हो जिद्द को पूरी कर चूप आप कराते हो,,,, Papa आप इतने अच्छे हो कि, लगता है खुदा भी आप से पीछे हो,,,, पर papa फिर एक बात समझ नहीं आती वो कौन है जो करते हैं प्रेम , प्रेमिकाओं से और बना कर " माँ " उनको देते हैं अपनी निशानी,, मार देते हैं जो अजन्मे बच्चों को , कौन है वो?? Papa क्या वो भी पिता है जो फेक देते हैं कूड़े में जन्म लेने पर, बेटियों को ,,,, जो भागते है जिम्मेदारी से बच्चों की ??? जो पीकर शराब निकालते हैं गुस्सा बच्चों पे या वो, जो लगाते हैं बंदिशे जायज़ बातों पर भी जो उजाड़ देते हैं सुहाग बेटियों के, मारते हैं बेटों को इज्जत के नाम पर,,, Papa कौन है फिर वो ??? वो जो कुचल देते हैं आँखों में पलते सपनों को और धोप देते हैं अपने फैंसले ,बच्चों पर, जो करते हैं अय्याशी और बिलखते है बच्चे मजदूरी कर या भीख मांग कर पलते है जिनके बच्चे क्या वो भी मनाते होंगे Father's Day उनके लिए भी होता है क्या ये शुभ दिन Papa क्या वो भी होतें हैं क्या पिता ,,,????? "अनुराही " papa,,,,,,,,,