राज़ मिलते हैं आशिक़ तेरी गली में रोज नए न मिलना तेरा फ़िर कोई राज़ है क्या?? किए थे जो तूने फिर आने के वादे यूँ लौट के न आना कोई राज़ है क्या! सुबह तो खिली थी घनी धूप जाना यूँ बारिश का आना कोई राज़ है क्या?? मुक़्क़मल जिसे समझता रहा मैं यूँ, अधूरा इश्क़ रह जाना कोई राज़ है क्या!!! #अधूराइश्क #राज #halfBakedlove #OneSidedLove #Raj #Promise