राह में है मौत, न जाने दहलीज पे कब खड़ा मिलें,, डर तो नहीं मौत से, जो कुछ सफ़र हैं जिन्दगी के जी लिए।। न भिगोना पलकों को, कोई बाद मेरे......, हैं रित ऐ जिन्दगी का, जिसे निभाने चल दिए।। कुछ सपने हैं अधूरे , कुछ को पूरे किए.... हैं उम्र की कमाई ऐ , जो कारवां पीछे मेरे।। मिलें कुछ देर की मोहलत ... तो इस सेज़ से मैं उठ जाऊं, ओढ़े इस कफ़न को, तुम सब को आके चुप कराऊं, कुछ देर सबेर, कुछ वक्त लगेंगे, अभी बारी है मेरी, तुम को भी है आना.... फिर वहीं पे हम साथ मिलेंगे। कहना था बहुत कुछ, पर अब कहां कह सकूंगा... यूं जो पल दो पल में जल के राख बनूंगा ।। भूल जाना धीरे-धीरे जैसे बीते रात के अंधेरे.. खुद का ख़्याल रखना तुम सब बाद मेरे... --/ #TheLostSoul