अच्छा! ये जो अँधेरा फिर रहा है राहों में सूरज के होते हुए कह दो कि ये तुम्हारा फैलाया हुआ नासूर नहीं है गर है तो माहौल का मखौल बनने से पहले सम्भाल लो इसको #canibreathe #canibreathe