किस्से नये ,मायने वही पुराने लगतें हैं, हम कहाँ गलत हैं,गलत हमें सारे लगते है, इनकी सूरत पर मत जाना यारों, इश्क़ में सताये बेचारे लगते है ताना हरामी का इन्हें भी क्या दीजिये, कोशिशों से दो चार हारे लगते है, वाहवाही लूटने का हुनर अब आ गया देखो, चंद सिक्के उछालो खूब नारे लगतें हैं बरवादी मे असलियत रूबरू हो आयी, रईसी में सब हमारे लगते हैं क्या ही हाथ बढ़ाएंगे हमसे मिलाने को, बटें बटें से इनके ही दुआरे लगते है दोस्तों की मंडली सजाई इस हुनर से, सच्चाई के किस्से किन्हें गवारें लगते है, #nojotohindi #nojotopoetry #poetry #nojotolove