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My dream 'सपनें' क्यूं हकीकत की चोट सहते हैं ...?

My dream 'सपनें' क्यूं हकीकत की चोट सहते हैं ...?
क्यूं ये जिनके होते हैं , 
उनपें ये दुनिया,ये लोग  अपना हक समझतें हैं
 क्यूं कैद करना चाहतें हो मुझको ...?
क्यूं पंख काटते फिरते हो मेरे सपनों के ...? 
तुम जियो न अपनी जिंदगी अपने तरीकों से ,
क्यूं मेरे जीवन में अपनी आँख टिकाए बैठें हो ...?
मूक पंछियों को पिंजरों के अंदर रखते हो 
वैसा ही क्या तुम मुझ जीते इंसान को समझतें हो ....?
रख लो अपनी नसीहतें अपनें पास इनकी जरूरत 
तुम्हें है,मुझे नही 
तुम लो न खुद के लिए फैसलें 
मुझपर क्यूं अधिकार जतातें हो ...?
-Kajalife #My_Dreams#My_Life
#Kajalife
My dream 'सपनें' क्यूं हकीकत की चोट सहते हैं ...?
क्यूं ये जिनके होते हैं , 
उनपें ये दुनिया,ये लोग  अपना हक समझतें हैं
 क्यूं कैद करना चाहतें हो मुझको ...?
क्यूं पंख काटते फिरते हो मेरे सपनों के ...? 
तुम जियो न अपनी जिंदगी अपने तरीकों से ,
क्यूं मेरे जीवन में अपनी आँख टिकाए बैठें हो ...?
मूक पंछियों को पिंजरों के अंदर रखते हो 
वैसा ही क्या तुम मुझ जीते इंसान को समझतें हो ....?
रख लो अपनी नसीहतें अपनें पास इनकी जरूरत 
तुम्हें है,मुझे नही 
तुम लो न खुद के लिए फैसलें 
मुझपर क्यूं अधिकार जतातें हो ...?
-Kajalife #My_Dreams#My_Life
#Kajalife