राब्ता चुभा कोई कांटा भी तेरी गली में अगर, मैने तेरा इश्क समझ कुबूल किया है । वास्ता ना रहा हो पहले जैसा मगर, दिल ने राब्ता वही महबूब रखा है ।। #Rabta