मैं जब रोऊँ मैं जब घबराऊँ तब तुम मुझे गले लगा लेना, कभी मेरे क़दम जो लड़खड़ाए कभी टूट के मैं बिखर जाऊ तब तुम मुझे संभाल लेना, राह में जब खुद को अकेला पाऊँ या अपनी मंज़िल मैं भटक जाऊ तब तुम मुझे थाम लेना, जब हार जाऊँ मैं हालातों से डर जाऊँ मैं सबकी बातों से तब तुम मुझे समझा लेना, खो जाऊँ मैं कही या चुप हो जाऊँ मैं कभी तब तुम मुझे पुकार लेना, जब भी ख़ुद को अकेला पाऊँ या अंधेरे में कही खोने लग जाऊँ तब तुम रौशनी बन मेरे साथ चल देना, तेरा साथ जो मैं ना दे पाऊँ दूर अग़र हो जाऊँ तुमसे तब तुम मेरे पास चले आना। जिंदगी की हर मोड़ पर जब भी पुकारू तुम्हें तब तुम मेरे दौड़े चले आना। Indu