प्रिये दादा जी मेरी स्वत्रंत सोच के हमेशा एक अडिग स्तम्भ रहे मेरे दादाजी !! , पौराणिक कथाए ,शौर्य-पराक्रम से लबरेज गाथाएँ सुनाना उनका और उनके मुख से सुनना मेरा शौक़ था , हमेशा हम दोनों मिलकर घर पर बनी सब्जी में कमियां ढूंढते थे !! उनका स्वभाव काफी उग्र था मगर मुझे कभी महसूस नही होने दिया !! आज वो मेरे साथ नही है मगर उनकी यांदे आज भी मुझे आंतरिक सदृढता देती है !! #पूज्य_दादाजी #nojotonews @nojotonews #nojotoapp @nojotoapp