हर क्यों?का जवाब नहीं हो सकता। हर एक फूल ग़ुलाब नहीं हो सकता। हर एक चेहरे पर आफ़ताब नहीं है पर, हर शख़्स दिल से ख़राब नहीं हो सकता। लगता है #वक़्त ठहर जाता है कहीं-कहीं, जगती आँखों मे क़भी ख़्वाब नहीं हो सकता। #जिंदगी क़भी-क़भी इन्तहां लेती है यारों, कुछ पलों से जिंदगी का हिसाब नहीं हो सकता। #जिंदगी #lockdown #जितेन्द्र777