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दो तीन बजे गहरी काली सन्नाटी पसरती रात में जब तेर

दो तीन बजे गहरी काली सन्नाटी पसरती रात में
 जब तेरी यादों के बोझ तले दबते चला रोता हूँ मैं,
सब कहते है बहुत सोता हूँ मैं ...

तेरी यादें पास न भटक पाएं इसलिए दिन भर काम के चलते थका होता हूँ मैं ,
सब कहते है बहुत सोता हूँ मैं ...

अंदर ही अंदर मेरे  मरें ख्वाबों का मातम बन्द पलकों में मनाता हूँ मैं ,
सब कहते है बहुत सोता हूँ मैं....

तेरे संग जो ज़िन्दगी न जी सका
 उसे पल दो पल सुकूँ से बंद आँखों में बिना किसी डर के जीता हूँ मैं,
सब कहते है बहुत सोता हूँ मैं....

फिर गूँजती है कानों में पापा की आवाज उठ आलसी,
पड़ा पड़ा मोटा हो रहा है ,
तब झट नासूर से जख्म , 
दर्द आँसू तकिये में छिपा झूठी हँसी का नकाब पहनता हूँ 
अभी तो सोया था यही कहता हूँ मैं ,
सब कहते है बहुत सोता हूँ मैं ....
.........
🖤🖤🖤
Devil😈

©Devil #World_Sleep_Day  Radhika Modi
दो तीन बजे गहरी काली सन्नाटी पसरती रात में
 जब तेरी यादों के बोझ तले दबते चला रोता हूँ मैं,
सब कहते है बहुत सोता हूँ मैं ...

तेरी यादें पास न भटक पाएं इसलिए दिन भर काम के चलते थका होता हूँ मैं ,
सब कहते है बहुत सोता हूँ मैं ...

अंदर ही अंदर मेरे  मरें ख्वाबों का मातम बन्द पलकों में मनाता हूँ मैं ,
सब कहते है बहुत सोता हूँ मैं....

तेरे संग जो ज़िन्दगी न जी सका
 उसे पल दो पल सुकूँ से बंद आँखों में बिना किसी डर के जीता हूँ मैं,
सब कहते है बहुत सोता हूँ मैं....

फिर गूँजती है कानों में पापा की आवाज उठ आलसी,
पड़ा पड़ा मोटा हो रहा है ,
तब झट नासूर से जख्म , 
दर्द आँसू तकिये में छिपा झूठी हँसी का नकाब पहनता हूँ 
अभी तो सोया था यही कहता हूँ मैं ,
सब कहते है बहुत सोता हूँ मैं ....
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🖤🖤🖤
Devil😈

©Devil #World_Sleep_Day  Radhika Modi