मस्जिदों की किताबों में तुम्हें देखूं, मैं बुतकदे के बुतों में भी तुम्हें देखूं। इक पल भी तेरा ओझल होना दिल को गवारा नहीं है, ख़ुदा करे मैं बंद आंखों से भी तुम्हें देखूं। ~Hilal #Band Ankhon se bhi tumhe dekhu'n