इस तरह शरारत ना होती तो अच्छा था, तुमसे मुलाक़ात ना होती तो अच्छा था, बेचैन रहता है मन तुमसे मोहब्बत करके.. कम्बख्त मोहब्बत ना होती तो अच्छा था। गोविन्द पन्द्राम #कम्बख्त मोहब्बत