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अश्क पीने के लिए, खास उड़ाने के लिए, अब मेरे पास ख

अश्क पीने के लिए, खास उड़ाने के लिए,
अब मेरे पास ख़ज़ाना है लुटाने के लिए।।

मैंने हाथों से बुझाई है देखती हुई आग,
अपने बच्चों के खिलौनों को बचाने के लिए।।

नफ़रतें बेचने वालों की भी मजबूरी है,
माल तो चाहिए दुकान चलाने के लिए।।

जी तो कहता है कि बिस्तर से न उतरूँ कई रोज,
घर में सामान तो हो बैठकर खाने के लिए।।


🏃‍♂️Shayar RK...✍🏻

©SHAYAR (RK) परिवार को चलने वाला एक पिता
#Family
अश्क पीने के लिए, खास उड़ाने के लिए,
अब मेरे पास ख़ज़ाना है लुटाने के लिए।।

मैंने हाथों से बुझाई है देखती हुई आग,
अपने बच्चों के खिलौनों को बचाने के लिए।।

नफ़रतें बेचने वालों की भी मजबूरी है,
माल तो चाहिए दुकान चलाने के लिए।।

जी तो कहता है कि बिस्तर से न उतरूँ कई रोज,
घर में सामान तो हो बैठकर खाने के लिए।।


🏃‍♂️Shayar RK...✍🏻

©SHAYAR (RK) परिवार को चलने वाला एक पिता
#Family
rajeshkumarrk5528

SHAYAR (RK)

Gold Star
Growing Creator

परिवार को चलने वाला एक पिता #Family #शायरी