बन्जर धरती को कर गए मृदित देश-सेवा में कर प्राण विसर्जित अपने लहू से धरा को किये सृजित। जुनून-ए-आजादी के इस कदर थे मतवाले जीवन-मरण से निर्द्वन्द्व थे बड़ी हिम्मत वाले राष्ट्र की आज़ादी खातिर कहां थे रुकने वाले। रणचण्डी में देकर प्राणों की पूर्णाहुति सदा के लिए जीवंत हो गए महान विभूति वतन की आज़ादी को दिला दी स्वीकृति। सत्तावन की क्रांति सैंतालीस तक चली दुस्साहसी अंग्रेजो के लहू की नदी बही अनेको भारत माँ के रणधीरों की हड्डी गली। लहू का एक-एक कतरा लबरेज था जोश से भड़क उठे थे अंग्रेजी प्रभुत्व के सितम के रोष से अंग्रेजी हुकूमत घुटने टेकी,आज़ादी के उद्घोष से। ~आशुतोष यादव आप सभी प्रियजनों को 🇮🇳स्वतंत्रता दिवस🇮🇳 की 73 वी वर्षगाँठ की ढेर सारी शुभकामनाएं 🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳 #independenceday2020 #स्वतंत्रतादिवस #स्वतंत्रता_दिवस_स्पेशल #स्वतंत्रता_दिवस_की_हार्दिक_शुभकामनाएँ siyaaa🖤 sheetal pandya मेरे शब्द Heart beat..... 💞