कभी-कभी मैं बैठ जाता हूँ, गुज़रे हुए लम्हों की छाँव में, सुकून दे जाती है मद्धम-मद्धम सी सरसरहटें इसकी। इन्हीं सरसराहटों में जब बरसती है सुखी, बेजान सी पत्तें मुझपर और भिंगो जाती है इन मद्धम उदास आँखों को तो चुपके से छुपा लेता हूँ इन्हें, उसी पत्तों के भीड़ में और कुछ इस क़दर ये पत्तें एहसास दिला जाती है तुम्हारा मेरे पास होने का, इसलिए! कभी-कभी मैं बैठ जाता हूँ गुज़रे हुए लम्हों की छाँव में सुकून दे जाती है मद्धम-मद्धम सीं सरसराहटें इसकी। ©Yishu Raj कभी-कभी मैं बैठ जाता हू • • • #yishu #Nojoto #Trending #yaadein #shayr