गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार
हो रहा है कितना देखो अत्याचार
जात-धर्म से हो गए,सब यहाँ लाचार
ईमान का भी हो रहा खूब व्यापार
गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार
लूट-पाट,दंगो की दुकानें चल रही
बहू-बेटियों की अस्मिता लुट रही #Poetry#कविता#akib#gandhi_jayanti#गाँधी_जयन्ती