#संजी़दगी "संवेदनाओं के स्वर, तलाशे नहीं जाते। संजी़दगी के पर, निकाले नहीं जाते।। 'अनुपम' जहाँ मिलते हैं, ज़मीं -- आसमां ये। उस क्षितिज तक कभी, ऊजाले नहीं जाते।। : अनुपम त्रिपाठी # संजी़दगी