अंदाजे-बयां की क्या बात करे!साहब जब आगाज़ हमारा बे-मिसाल है तो.. अंज़ाम-ए-महफ़िल की परवाह किसे है। चलता रहेगा कांरवा ये गज़ल का क़यामत तक कि अभी तो शुरू हुआ है सफ़र मीर-ए-फ़जल का साक़ी देना दाद हर क़ातिबे-शेर पर के रँवा है ये महफ़िल दोनों के रहमों-करम से महफ़िल-ए-गज़ल #NojotoGurgaon #