तेरी याद जब भी आती हैं तुझे साथ ले आती हैं मैं जितना भुलाना चाहू उतना पास ले आती हैं मेरी धड़कनो का शोर इतना बढाती हैं मुझे मुझसे जुदा कर जाती है फासले बहुत कम ही थे हमारे दरमियां जब तेरी हर कही बात जेहन तक जाती हैं होठों के मेरी एक अजीब सी खुशी भा जाती हैं आँखों में फिर भी वो आंसूओ सा भर जाती हैं तेरी याद जब भी आती हैं तुझे साथ ले आती हैं तन्हा समझती थी जब भी मैं खुद को वो मुझमे आकर मुझमें समा जाती हैं फिर मेरी तनहाईयों को एक शमा सा बना देती हैं पलको पे मेरी एक लहर दौड़ आती हैं उछल कर फिर ठहर जाती हैं तेरी याद जब भी आती हैं तुझे साथ ले आती हैं छटपटाहट सी एक दिल में हो आती हैं बीते कुछ वक्त जो तुम्हारे साथ वही ले जाती हैं एक उमंग जीने की फिर सजा जाती हैं तेरी याद जब भी आती हैं तुझे साथ ले आती हैं याद तेरी