मुक्तक चल रही हर तरफ जोर की,कैसी तैयारी थी रात में भी शहर की सजावत, यहाँ जारी थी रात में भी लगी ग्राहकों की कतारें सि थी सौदेबाजी यहाँ जिस्म की, मंडियां सारी थी मुक्तक लिखने की कोशिश Nojoto #Muktak #Nojoto #kavyashaala #Muktak