आज के सोच,,,, नफरत को मत मिटाओ, बल्कि,,,जीससे नफरत है, उसे ही मिटा दो । नफरत को "हम"उस हद तक, क्यों ले जातें हैं? जीससे मरने,,,मारने पर उतारू हो जाए, हम,,ऐसा क्यों नहीं सोच सकते, की,, जीससे नफरत है, उससे दुर रहने की,कोशिश की जाए ।।