मैंने हर दोश की आंखों में उतर कर देखा ऐक धरती के ज़जीरों के सिवा कुछ भी ना था उनकी बेनूर मुरादों का गिला कोन करे अपनी किसमत में अंधेरो के सिवा कुछ भी ना था ©Amjad Nigar #Smile