व्याकुल मन आवाज उठाता है कैसे बतलाऊँ मैं तुमको शर उर में धसता जाता है,कैसे बतलाऊँ मैं तुमको सर्द की इन रातों को मैं कैसे समझाइस दूंगा मन तन्हा सुलगता जाता है कैसे बतलाऊँ मैं तुमको "अक्स" कैसे बतलाऊँ मैं तुमको