तुझसे शिकायतें बेहिसाब लिए बैठे हैं तेरे इंतज़ार में हिसाब की किताब लिये बैठे हैं, तू मशगूल है गैरों के साथ अपनापन जताने में यहां हम दिल में ज़ज़्बातों का सैलाब लिए बैठे हैं -Shubham #love