इश्क़ से बड़ी कोई सजा नहीं वक़्त से बड़ा कोई मरहम नहीं ज़िन्दगी से गहरी कोई सच्चाई नहीं प्यार से बढ़कर कोई प्यास नहीं स्वाभिमान से बढ़कर कुछ भी नहीं - सालिहा मंसूरी #ज़िन्दगी