वर्षों पहले दो अजनबियों ने संग चलना स्वीकार किया, छूटा बाबुल का अँगना था, तेरा हाथ जो थाम लिया | मौसम की तरह रिश्ते बदले कभी पतझड़, कभी बहार पिया, पर दीया बाती बन हमने दिया इक दूजे का साथ पिया | खनकती चूड़ी, छनकती पायल, चमकती माथे की बिंदिया, तुम ही चूड़ी, तुम ही पायल, तुम ही माथे की बिंदिया | कभी आँखों के आँसू हो तुम, कभी होंठों की मुस्कान पिया, मेरी उमर भी तुम्हें लग जाए, तुम ही मेरा श्रृंगार पिया | दम निकले तेरी बाँहो में ये रब से मैंने माँग लिया, प्यार से भरी नोंक झोंक की है ये हमारी प्यारी दुनिया | तुम हो मेरे "राम "अगर तो मैं हूँ तुम्हारी "सिया "पिया वर्ष अभी भी कई शेष हैं संग ऐसे ही रहना तुम सदा पिया || #together #12#years #of #togetherness ##तुम #सदा #ही #रहना #साथ #पिया #forever