हम तो हदों में रहे हमेशा ही सब का लिहाज करते कभी खुले आसमान पर देखा है हमे परवाज भरते रिश्तों में जंग करीब से देखा अपनी परेशानियां कुचलते समझ आ जाएंगे तुम्हें हमारे क्यों रहते है मिजाज बदलते बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla जंग Dr. uvsays