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#क्रप्या_इसे_पढ़े_और_अपनी_राय_दे_ऐसे_जिव_होते_है_या

 #क्रप्या_इसे_पढ़े_और_अपनी_राय_दे_ऐसे_जिव_होते_है_या_नहीं ।
नोटः यह कहानी लोकस्मृति और कथाओं से प्रेरित है 
जिसका लोग आज भी दावा करते है ।
एक समय की बात है जब रेगिस्तानी बीहड़ो में आबादी बहुत कम हुआ करती थी । वहाँ जंगली जीवो का डेरा हुआ करता था वोह भी र्रेगिस्तानी जिव जोह बहुत ही खूंखार प्रवर्ति के होते थे उन सबमे एक जिव जिसका नाम 'फेडिकाल' थोड़ा अजीब पर आज भी पच्चिमी राजस्थान के आम लोग इस नाम से अच्छी तरह से परिचित है ।अभी इन जीवो का कही पता नहीं है पर लोग कहते थे कि उनकी आवाज से ही लोगो की हालत खस्ता हो जाती थी ।वोह जिव इतने पावरफुल थे की शेर को भी चित कर लेते थे । उनकी आहट हमेशा रात के समय ही होती थी । वैसे उन्हें दुर्भाग्य का संदेशवाहक माना जाता था । जब लोग उनकी झपट में आते तोह उनका बचना ना मुंकिन होता था ।मेने अपने नाना से उनके बारे में कही किस्से सुने थे जिसमें उसकी कही बार शिकारियों से शिकार के लिए लड़ाई हो जाती थी । इन सबसे भयानक बात उनकी आवाज जोह किसी का भी ह्दय सील दे ।उनकी मुह से एक लार निकलती थी   जोह आग थी हां वोह दूर से आग की तरह ही चमकती थी । वोह जिव जिस घर के सामने बोलता था उस घर से किसी की मुरतुय तय होती थी इसलिए लोग उन्हें मौत का दूत कहा करते थे । आप सबको उन जीवो के बारे में जानना बहुत जरुरी है ऐसे जिव जोह हमारी जनसँख्या से पहले जहा आज हम रहते है वहां रहते थे। वोह जिव जोह रात मैं 12-3 बजे तक अपना निर्दय खेल खेलते थे । उनके बारे में यह भी कहा जाता था कि वोह उड़ सकते थे और खून उनकी खुराख थी।
 #क्रप्या_इसे_पढ़े_और_अपनी_राय_दे_ऐसे_जिव_होते_है_या_नहीं ।
नोटः यह कहानी लोकस्मृति और कथाओं से प्रेरित है 
जिसका लोग आज भी दावा करते है ।
एक समय की बात है जब रेगिस्तानी बीहड़ो में आबादी बहुत कम हुआ करती थी । वहाँ जंगली जीवो का डेरा हुआ करता था वोह भी र्रेगिस्तानी जिव जोह बहुत ही खूंखार प्रवर्ति के होते थे उन सबमे एक जिव जिसका नाम 'फेडिकाल' थोड़ा अजीब पर आज भी पच्चिमी राजस्थान के आम लोग इस नाम से अच्छी तरह से परिचित है ।अभी इन जीवो का कही पता नहीं है पर लोग कहते थे कि उनकी आवाज से ही लोगो की हालत खस्ता हो जाती थी ।वोह जिव इतने पावरफुल थे की शेर को भी चित कर लेते थे । उनकी आहट हमेशा रात के समय ही होती थी । वैसे उन्हें दुर्भाग्य का संदेशवाहक माना जाता था । जब लोग उनकी झपट में आते तोह उनका बचना ना मुंकिन होता था ।मेने अपने नाना से उनके बारे में कही किस्से सुने थे जिसमें उसकी कही बार शिकारियों से शिकार के लिए लड़ाई हो जाती थी । इन सबसे भयानक बात उनकी आवाज जोह किसी का भी ह्दय सील दे ।उनकी मुह से एक लार निकलती थी   जोह आग थी हां वोह दूर से आग की तरह ही चमकती थी । वोह जिव जिस घर के सामने बोलता था उस घर से किसी की मुरतुय तय होती थी इसलिए लोग उन्हें मौत का दूत कहा करते थे । आप सबको उन जीवो के बारे में जानना बहुत जरुरी है ऐसे जिव जोह हमारी जनसँख्या से पहले जहा आज हम रहते है वहां रहते थे। वोह जिव जोह रात मैं 12-3 बजे तक अपना निर्दय खेल खेलते थे । उनके बारे में यह भी कहा जाता था कि वोह उड़ सकते थे और खून उनकी खुराख थी।

#क्रप्या_इसे_पढ़े_और_अपनी_राय_दे_ऐसे_जिव_होते_है_या_नहीं । नोटः यह कहानी लोकस्मृति और कथाओं से प्रेरित है जिसका लोग आज भी दावा करते है । एक समय की बात है जब रेगिस्तानी बीहड़ो में आबादी बहुत कम हुआ करती थी । वहाँ जंगली जीवो का डेरा हुआ करता था वोह भी र्रेगिस्तानी जिव जोह बहुत ही खूंखार प्रवर्ति के होते थे उन सबमे एक जिव जिसका नाम 'फेडिकाल' थोड़ा अजीब पर आज भी पच्चिमी राजस्थान के आम लोग इस नाम से अच्छी तरह से परिचित है ।अभी इन जीवो का कही पता नहीं है पर लोग कहते थे कि उनकी आवाज से ही लोगो की हालत खस्ता हो जाती थी ।वोह जिव इतने पावरफुल थे की शेर को भी चित कर लेते थे । उनकी आहट हमेशा रात के समय ही होती थी । वैसे उन्हें दुर्भाग्य का संदेशवाहक माना जाता था । जब लोग उनकी झपट में आते तोह उनका बचना ना मुंकिन होता था ।मेने अपने नाना से उनके बारे में कही किस्से सुने थे जिसमें उसकी कही बार शिकारियों से शिकार के लिए लड़ाई हो जाती थी । इन सबसे भयानक बात उनकी आवाज जोह किसी का भी ह्दय सील दे ।उनकी मुह से एक लार निकलती थी जोह आग थी हां वोह दूर से आग की तरह ही चमकती थी । वोह जिव जिस घर के सामने बोलता था उस घर से किसी की मुरतुय तय होती थी इसलिए लोग उन्हें मौत का दूत कहा करते थे । आप सबको उन जीवो के बारे में जानना बहुत जरुरी है ऐसे जिव जोह हमारी जनसँख्या से पहले जहा आज हम रहते है वहां रहते थे। वोह जिव जोह रात मैं 12-3 बजे तक अपना निर्दय खेल खेलते थे । उनके बारे में यह भी कहा जाता था कि वोह उड़ सकते थे और खून उनकी खुराख थी। #Books