होंठ हँसते हैं मगर मन तो दहा जाता है सत्य को इस तरह सपनों से कहा जाता है, खुद ही सहने की जब सामर्थ्य नहीं रह जाती दर्द उस रोज़ ही अपनों से कहा जाता है..। ●●● शैलेश मटियानी #Hansti_aankhon_mei_aansu #inspired #Nojoto