एक बात नहीं समझ पाता हूँ मैं.. खुदा मेरा दिल हर बार क्यूँ तोड़ देता है... क्यूँ इम्तहान लेता है मेरे सब्र का.. मंजिल मिलते ही मेरी राहें क्यूँ मोड़ देता है... इस बात से कहीं वो नाराज तो नहीं.. कि ये बन्दा अपने हक क्यूँ छोड़ देता है... जो लोग बुरा करते है इसके साथ.. उनके सामने भी ये हाथ क्यूँ जोड़ देता है... क्या इसे भरोसा नहीं.. मेरे साथ पर.. बातों बातों में ये आँखें क्यूँ निचोड़ देता है... nishank_pandit #shadesoflife