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White शीर्षक - भाग्य.... कर्म ************** सच त

White शीर्षक - भाग्य.... कर्म 
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सच तो यही जानते है 
हम सभी अपने कर्म ,
और भाग्य के निर्माता हैं।
 मुश्किल में राह हम, 
सभी गलत चुनते हैं।  
जीवन के साथ कर्म,
 भी ग़लत कर जाते हैं।
बस, यही हम सब ,
भाग्य में लिखा कहते हैं।
हां कुदरत और ईश्वर,
सच वही सब होते हैं। 
हम भाग्य को कहते हैं।
न बुरा न अच्छा हम,
स्वयं सभी निर्माण करते है।
भाग्य कर्म फल रहते हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल 
चंदौसी उ.प्र

©Neeraj kumar Agarwal chandausi u.p
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#neeraj_poetry