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काश तू मेरे हिस्से में होती अगर, दो जिस्म एक जान ह

काश तू मेरे हिस्से में होती अगर,
दो जिस्म एक जान होती मगर,
तेरे हर एक बातिल न पहचाने हम,
अगर पहचान जाते तो न रोते हम...

~गुलशन"श्रृंगारप्रेमी"...✍️ काश तू मेरे हिस्से में होती अगर...
काश तू मेरे हिस्से में होती अगर,
दो जिस्म एक जान होती मगर,
तेरे हर एक बातिल न पहचाने हम,
अगर पहचान जाते तो न रोते हम...

~गुलशन"श्रृंगारप्रेमी"...✍️ काश तू मेरे हिस्से में होती अगर...

काश तू मेरे हिस्से में होती अगर... #Shayari