हाय कैसी फूटी किस्मत हमारी है, हर तरफ से नोच रही लाचारी है। उथल पुथल कर रही जिंदगी आके मुहाने पे, फिर भी जीवन का संघर्ष जारी है।। हिचकोले खा रहे सब ख्वाब यूं ही पड़े_पड़े, हर एक पहलू को संजोने की कोशिश सारी है।। निकल ना जाए हाथ से कोई सुनहरा पल, बस मौके को भुनाने की बारी है।। कर लूं फतह मकसद ज़िन्दगी का, अभी तो नाव भंवर में उतारी है।। मिल रही चुनौतियां हर पड़ाव पर, फिर भी हौसलों के उड़ान की तैयारी है।। छूट ना जाए बीच में रास्ता मेरा, अंगारों को छू निकलने की अब पारी है।। WRITTEN BY(Santosh Verma)आजमगढ़ वाले खुद की ज़ुबानी हौसला...