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आज के क्रांतिकारी , आ चुके मैदान में , करे स

आज के क्रांतिकारी ,
      आ चुके मैदान में ,
करे सामना ,नहीं है , हिम्मत शैतान में ।
     
     अब भी , आज़ादी के आशिक ज़िंदा हैं ।
      पर थोड़े चुनिंदा हैं ।
    
      तभी तो शर्मिंदा हैं ।


        धर्म पर राजनीति ,करने वाले ,
              अब नेस्तनाबूद होंगे,
        बड़े- बड़े , बेवजुद् होंगे ।
    
      "जोगा" किसी इंसान का खून ,
बहा दें , हो नहीं सकता,की 
           वो फरमान "ए"राम हो जाए ,
जब तक "एक हैं, हम ,इंसान ,बनकर ,।।
  _
किसी , भोगी, किसी गोदी, किसी सोहन - दागवत,
की क्या ताक़त, की भारत ,गुलाम हो जाए ।

लड़ रहे हैं , कन्हैया कुमार, रवीश कुमार,ध्रुव राठी, तेज बहादुर, गांधी खानदान ,के लोग ,और भी बहोत्त
         आज़ादी ,2019 को,
उतार रहे हैं, भोगी, गोदी ,की जुल्मी , चुन्नी को ।

' जोगा कोई तो है ,जो जाग गया है ,
     और किसी ने अभी तक ,
आंख भी नहीं खोली हैI

         ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI

   KAFIR ZOGA GULAM आज के क्रांतिकारी ,
      आ चुके मैदान में ,
करे सामना ,नहीं है , हिम्मत शैतान में ।
     
     अब भी , आज़ादी के आशिक ज़िंदा हैं ।
      पर थोड़े चुनिंदा हैं ।
    
      तभी तो शर्मिंदा हैं ।
आज के क्रांतिकारी ,
      आ चुके मैदान में ,
करे सामना ,नहीं है , हिम्मत शैतान में ।
     
     अब भी , आज़ादी के आशिक ज़िंदा हैं ।
      पर थोड़े चुनिंदा हैं ।
    
      तभी तो शर्मिंदा हैं ।


        धर्म पर राजनीति ,करने वाले ,
              अब नेस्तनाबूद होंगे,
        बड़े- बड़े , बेवजुद् होंगे ।
    
      "जोगा" किसी इंसान का खून ,
बहा दें , हो नहीं सकता,की 
           वो फरमान "ए"राम हो जाए ,
जब तक "एक हैं, हम ,इंसान ,बनकर ,।।
  _
किसी , भोगी, किसी गोदी, किसी सोहन - दागवत,
की क्या ताक़त, की भारत ,गुलाम हो जाए ।

लड़ रहे हैं , कन्हैया कुमार, रवीश कुमार,ध्रुव राठी, तेज बहादुर, गांधी खानदान ,के लोग ,और भी बहोत्त
         आज़ादी ,2019 को,
उतार रहे हैं, भोगी, गोदी ,की जुल्मी , चुन्नी को ।

' जोगा कोई तो है ,जो जाग गया है ,
     और किसी ने अभी तक ,
आंख भी नहीं खोली हैI

         ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI

   KAFIR ZOGA GULAM आज के क्रांतिकारी ,
      आ चुके मैदान में ,
करे सामना ,नहीं है , हिम्मत शैतान में ।
     
     अब भी , आज़ादी के आशिक ज़िंदा हैं ।
      पर थोड़े चुनिंदा हैं ।
    
      तभी तो शर्मिंदा हैं ।

आज के क्रांतिकारी , आ चुके मैदान में , करे सामना ,नहीं है , हिम्मत शैतान में । अब भी , आज़ादी के आशिक ज़िंदा हैं । पर थोड़े चुनिंदा हैं । तभी तो शर्मिंदा हैं ।