सुनो ! एक बात तो सुन लो , जो है एक बात सच्ची सी , बचपन , खिलोने , तितलियाँ शादी है गुड़िया की , जो अब तक है बच्ची सी । वो फूलों का बगीचा , वो तुलसी की पूजा उन्हें अब कौन सींचेगा जो कलियाँ है कच्ची सी । गुड्डे गुड्डी की बारातें ,बिन पानी की बरसातें बरसातों में वो कश्ती कागज़ की कौन चलाएगा किसके पैरों की झुनझुन कानों में झुंझुनाएंगी सुबह की आरती की धुन कैसे गुंगुनाएंगी । कैसे सजेगा आँगन अपना होली पर दीवाली पर कोई तोड़ ले कली को क्या गुज़रेगी माली पर । वो नाज़ुक सी ईमारत है जो छन से टूट जायेगी इतना बोझ रिश्तों का अभी कैसे उठाएगी । नहीं है बोझ ये बेटी ये तुम भी जानते हो ना इसे खिलने दो पढ़ने दो ये ग़ज़ल है अच्छी सी । सुनो ! एक बात तो सुन लो , जो है एक बात सच्ची सी , Say No to child marriage.. #Nojoto #kavishala #hindinama