न ही खुसी है,न कोई उदासी है जीवन बस ढल कर हो गई उबासी है तेरे चरणों मे गिर खत्म हो जाऊं ज़िन्दगी मिला दे मुझे उससे, जो मेरा काबा ओर काशी है ज़िन्दगी Divya Joshi