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रुतबे को मेरे गुमनाम कर दिया ता उम्र मुझे अपना गुल

रुतबे को मेरे गुमनाम कर दिया
ता उम्र मुझे अपना गुलाम कर दिया

तासीर तो ठंडी थी शर्बत कि
 तेरे लबों ने उसे जाम कर दिया रुतबे को मेरे गुमनाम कर दिया
ता उम्र मुझे अपना गुलाम कर दिया

तासीर तो ठंडी थी शर्बत कि
 तेरे लबों ने उसे जाम कर दिया

@Poetic_ule 
@PoetsHouseIndia
रुतबे को मेरे गुमनाम कर दिया
ता उम्र मुझे अपना गुलाम कर दिया

तासीर तो ठंडी थी शर्बत कि
 तेरे लबों ने उसे जाम कर दिया रुतबे को मेरे गुमनाम कर दिया
ता उम्र मुझे अपना गुलाम कर दिया

तासीर तो ठंडी थी शर्बत कि
 तेरे लबों ने उसे जाम कर दिया

@Poetic_ule 
@PoetsHouseIndia

रुतबे को मेरे गुमनाम कर दिया ता उम्र मुझे अपना गुलाम कर दिया तासीर तो ठंडी थी शर्बत कि तेरे लबों ने उसे जाम कर दिया @Poetic_ule @PoetsHouseIndia