रुतबे को मेरे गुमनाम कर दिया ता उम्र मुझे अपना गुलाम कर दिया तासीर तो ठंडी थी शर्बत कि तेरे लबों ने उसे जाम कर दिया रुतबे को मेरे गुमनाम कर दिया ता उम्र मुझे अपना गुलाम कर दिया तासीर तो ठंडी थी शर्बत कि तेरे लबों ने उसे जाम कर दिया @Poetic_ule @PoetsHouseIndia